।। हे माँ मेरी दुनिया तुझी से है ।।
हे माँ मैं तुम बिन अधूरा हूँ,
मेरी दुनिया तुझी से है।
इक साये के लिए हूँ तरसा,
जब तेरी याद सताये मुझे।
हे माँ! मै तुझ बिन अधूरा हूँ,
मेरी खुशियाँ तुझी से है।
तेरी हाथो की नरमी,
और वो रातो की लोरी,
और वो जादुई काजल का टीका,
और तेरा लल्ला कहकर बुलाना,
मुझे आज भी याद है आती माँ।
हे माँ! मैं तुझ बिन अधूरा हूँ,
मेरी साँसे तुझी से है माँ।
तेरी याद मुझे जब आये माँ,
मेरे नयन ये बरसे है,
एक सुनहरे कल का इंतज़ार,
मैं करता हूँ दिलोंजां से तुझे प्यार,
ये कथन नही, अटल सत्य है माँ,
मैं तुझ बिन अधूरा हूँ,
हाँ माँ, मै तुझ बिन अधूरा हूँ।
मैं करूँ ईश्वर से ये प्रार्थना बारम्बार,
हर जन्म में बनूँ मैं लल्ला तुम्हार,
ये जन्म क्या सौ जन्म भी कम पड़ेंगे,
ना उतार पाऊंगा ये तेरे कर्ज अमूल्य अपार,
अब क्या मैं लिंखू तेरे बारे में,
शब्द नही बने है इस संसार,
क्योंकि माँ तेरी महिमा है अपरंपार,
जिसे बयाँ करने लगू, तो कम पड़ेंगे सदियों हज़ार।
हे माँ! मैं तुझ बिन अधूरा हूँ,
तुम हो तो मैं पूरा हूँ,
हे माँ ! मैं तुझ बिन अधूरा हूँ।
:- अमितेश कुमार गुप्ता
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