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।। हे माँ मेरी दुनिया तुझी से है ।।

हे माँ मैं तुम बिन अधूरा हूँ, मेरी दुनिया तुझी से है। इक साये के लिए हूँ तरसा, जब तेरी याद सताये मुझे। हे माँ! मै तुझ बिन अधूरा हूँ, मेरी खुशियाँ तुझी से है। तेरी हाथो की नरमी, और वो रातो की लोरी, और वो जादुई काजल का टीका, और तेरा लल्ला कहकर बुलाना, मुझे आज भी याद है आती माँ। हे माँ! मैं तुझ बिन अधूरा हूँ, मेरी साँसे तुझी से है माँ। तेरी याद मुझे जब आये माँ, मेरे नयन ये बरसे है, एक सुनहरे कल का इंतज़ार, मैं करता हूँ दिलोंजां से तुझे प्यार, ये कथन नही, अटल सत्य है माँ, मैं तुझ बिन अधूरा हूँ, हाँ माँ, मै तुझ बिन अधूरा हूँ। मैं करूँ ईश्वर से ये प्रार्थना बारम्बार, हर जन्म में बनूँ मैं लल्ला तुम्हार, ये जन्म क्या सौ जन्म भी कम पड़ेंगे, ना उतार पाऊंगा ये तेरे कर्ज अमूल्य अपार, अब क्या मैं लिंखू तेरे बारे में, शब्द नही बने है इस संसार, क्योंकि माँ तेरी महिमा है अपरंपार, जिसे बयाँ करने लगू, तो कम पड़ेंगे सदियों हज़ार। हे माँ! मैं तुझ बिन अधूरा हूँ, तुम हो तो मैं पूरा हूँ, हे माँ ! मैं तुझ बिन अधूरा हूँ।                                                     :- अमिते

।। प्रेम प्रसंग ।।

मैंने उठायी , आज कलम लिखने चला मोहब्ते दास्ता ।। पर बया नही हो पाया , सायद उसकी ,चाहत येही थी । फिर मैंने सोचा लिखू क्या सायद ये मोहब्ते शिकायत होगा ।। मैंने उठायी , आज कलम लिखने चला मोहब्ते दास्ता ।। क्या सोचेगे लोग , मुझे फर्क नही पड़ता । क्योंकि मैं आज भी वैसा ही हू जैसा कल था ।। मैं आज भी खुश होता हूँ , उसकी हँसी देख कर । सायद वो भी कभी ख़ुश हुई होगी मेरी हँसी पर ।। मैं आज भी उसी का हू , ये वो नही जानती । सायद वो मेरे किस्मत में नही , ये ईश्वर ही जानते होंगे ।। मैंने उठायी , आज कलम लिखने चला मोहब्ते दा स्ता ।।                                                                                   :- अमितेश कुमार गुप्ता

|| प्यारी बरसात ||

        प्यारी बरसात बरसात का है मौसम आया कितनी प्यारी है बरसात । पानी रिमझिम जुगनू टिमटिम जंगल फिर से हरे हुए हैं नदिया नाले भरे हुए है।। बरसात का है मौसम आया कितनी प्यारी है बरसात । भीग रहे है सबके घर आँगन आसमान भी शोर मचाये बादल के है मौज दिन रात ।। बरसात का है मौसम आया कितनी प्यारी है बरसात । खेतो में फैली हरियाली इन्द्र धनुष का रंग निराली मुस्काती फूलो की हरियाली जैसे कोई शुगंध की बारात ।। बरसात का है मौसम आया कितनी प्यारी है बरसात । रंग बिरंगे छाते लाएं जो जिसके मन भाय ।। बरसात का है मौसम आया कितनी प्यारी है बरसात ।                                                                     :-अमितेश कुमार गुप्ता