प्रेम प्रसंग भाग-१
मेरी नज़रो मे शांत लहरों की शरारत हो तुम ,
ठंडी धुप की बुख़ार वाली हरारत हो तुम ,
एक मधुर गीत की प्यारी सी तान हो तुम ,
मेरी हर एक नादान गलतियों की कारन हो तुम ,
मेरी हर मुस्कराहट और खुशियों का एहसास हो तुम ,
मैं लिखता हूं जिस दवात से उसकी स्याही हो तुम ,
मैं और क्या बताऊँ ,
शायद ...! मेरे दिल मे धड़कने वाली जान हो तुम ,
जो भी हो इस दुनिया की नज़र में ,
पर मेरे नज़र में खास हो तुम ।
:- अमितेश कुमार गुप्ता
Spectacular Ami- Bhaiya!!!💕
ReplyDeleteTy's sagar
DeleteWaaah bhaiya bahut shandaaaar
ReplyDeleteAapka har word अतुलनीय है।
सुक्रिया
ReplyDeleteSuppperrr bhaiya...
ReplyDeleteWell done..!!
ReplyDelete👌👌