समझ😑
कितना कुछ बदल दिया तुमने ,
समझा कर लौट जाता है ये दिल ।
बचपन की दुनिया में कुछ सपने लिए,
दिन, महीने, वर्ष बीता देता है ये दिल ।
कुछ पलों में कुछ वायदे लिए बेचैन रहता ये दिल,
उसे पूरा करने के लिए झूठ बोलता है ये दिल ।
और सबसे लड़ने के लिए भी तत्पर रहता है ये दिल,
तम्हारी आँखों के चमक लिए घूमता रहता है ये दिल ।
समझा कर उसे अपने दिल के लिए,
सचमुच! पागल कर देता है ये दिल ।
कितना कुछ बदल दिया तुमने ,
समझा कर लौट जाता है ये दिल ।
अमितेश गुप्ता
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