प्रेम प्रसंग भाग-१
मेरी नज़रो मे शांत लहरों की शरारत हो तुम , ठंडी धुप की बुख़ार वाली हरारत हो तुम , एक मधुर गीत की प्यारी सी तान हो तुम , मेरी हर एक नादान गलतियों की कारन हो तुम , मेरी हर मुस्कराहट और खुशियों का एहसास हो तुम , मैं लिखता हूं जिस दवात से उसकी स्याही हो तुम , मैं और क्या बताऊँ , शायद ...! मेरे दिल मे धड़कने वाली जान हो तुम , जो भी हो इस दुनिया की नज़र में , पर मेरे नज़र में खास हो तुम । :- अमितेश कुमार गुप्ता